Considerations To Know About sidh kunjika
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥
धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि
श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
श्री वासवी कन्यका परमेश्वरी अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति नवमोऽध्यायः
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्र सिद्धिं कुरुष्व मे॥
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
इति श्रीरुद्रयामले गौरीतन्त्रे शिवपार्वतीसंवादे सिद्ध कुंजिका स्तोत्र